सोमवार, 26 अप्रैल 2010

आज की विसंगतियों को उजागर करती पुस्तक


किसी पुस्तक का मूल्यांकन करते समय यह जरूर देखा जाना चाहिए की लेखक ने अपने समय के साथ न्याय किया है या नहीं । कवि श्री चन्द्र सेन विराट की सद्यः प्रकाशित पुस्तक '' कुछ मिश्री कुछ नीम '' में ४११ मुक्तक हैं । आज के समय की चिताओं में बाजार , नारी विमर्श , शहर का जीवन और इससे उपजने वाले अनेक तरह के संत्रास आते हैं । कवि विराट ने एन सब पर कलम चलाई है । बाजार के प्रभाव पर वे लिखते हैं --''रात अंधियारे में विकाऊ है / दिन के उजयारे में विकाऊ है /नीट , ईमान और धर्म कला / क्या न बाजार में विकाऊ है । '' वे आगे लिखते हैं --'' जुर्म की मार का तरीका है/क्रूर बाजार का तरीका है /बिकती है मौत की सुपारी /यह भी बाजार का तरीका है । '' इसी तरह और भी --''देह व्यापार से बड़ा क्या है /वस्तु विस्तार से बड़ा क्या है/चीजें महगी हैं ,आदमी सस्ते / आज बाजार से बड़ा क्या है । '' बाजार में यूँ तो सब विका है किन्तु सबसेअधिक नारी की देह विज्ञापित हुई है । इस पर कवि की चिंता देखिये ---''खूब धंधे में कमाई पूंजी /और पूंजी से बडाई पूंजी /जिस्म औरत का करके उजागर / इस्तहारों से कमाई पूंजी । '' आज के शहर का आदमी ---'' ज़िंदा लोगों का सघन जंगल है / जिन्दा रहना ही बड़ा कौशल है/ जब शर से ना मेरा ख़त आये / तुम समझना की कुशल मंगल है । '' इसी तरह रोज मर्रा के स्वप्न बुनता है /शहरी पैसे का गणित गुनता है /कूक कोयल की कहाँ शहरों में /चीख हार्नों की विवश सुनता है । ''

इस पुस्तक में कविने कविता पर तरह -तरह से अपनी बात रखी जो उसके निरंतर बड़ते अनुभव का प्रमाण है वह लिखता है --'' देह की सिर्फ न /मन की पीड़ा / टीक शव्दों के कहन की पीड़ा / जिसने भोग है वही समझे गा /कैसी होती है सर्जन की पीड़ा । '' इसी तरह का एक और उदाहरण देख लें --''शव्द में ताप उतर आता है/जो कहे उसमें असर उतर आता है / आते -आते ही कई बर्षों में शेर कने का हुनर उतर आता है । ''

हमारे समय के अनेक पक्षों पर कवि विराट ने इस पुस्तक में मुक्तक लिखे हैं । '' समानांतर पब्लिकेशन तराना , उज्जैन से प्रकाशित इस पुस्तक का मूल्य रु २५० है । समीक्षा ---- राकेश शर्मा

1 टिप्पणी:

Jawahar choudhary ने कहा…

राकेश भाई ,
विराटजी अनुपम हैं ।
उनकी अब तक तीस से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं ।
वे कमारे समय के एक जीवंत व सक्रिय कवि हैं ।
उन्हें और आपको बधाई ।