शनिवार, 24 जुलाई 2010

सिन्दूर

स्त्री मांग में भरते ही सिन्दूर
 वह हो जाती है वेखौफ
 उस  पुरुष से
 जैसे होता है कोई मालिक
 अपने पालतू पशु के साथ
भरते ही मांग में सिन्दूर
 पुरुष समझनें लगता है
 स्त्री को एक सड़क
 मांग में भरा गया सिन्दूर
 व्यापारिक समझुअते
 के हित हुए  हस्ताक्षर सा नहीं
 चुटकी भर सिन्दूर में
 छिपा होता है 
 चुरासी लाख
 जन्मों का सारांश

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