लेखकों , चिंतकों ,युगप्रवर्तकों ,सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनेताओं के वारे में अनेक तरह यह किस्से एवं गलत फहमियां प्रसारित की जातीहैं । इसके अनेक कारण हैं । अक्सर लोग इन्हें ही सुनते सुनाते रहते हैं ।, मसलन भारत विभाजन के लिए गाँधी को जिम्मेदार तहराया गया । परन्तु डॉ राम मनोहर लोहिया की पुस्तक '' भारत विभाजन के गुनहगार '' को पढ़ कर बात दूसरी और इशारा करती है । इतिहास मैं मंडल कमीशन के विषय और ऐसे ही अनेक मुद्दों पर पूर्व प्रधानमंत्री विश्वानाथ प्रताप सिंह की अनेक छवियाँ बानाई गईं हैं । इन छवियों के उस पार के सच को लेखक श्री अशोक कुमार सिन्हा ने अपनी पुस्तक '' वी पी सिंह सफ़र और संघर्ष '' में उजागर किया है । बहुत श्रम और श्रधा से लिखी गयी इस पुस्तक में उस समय के अनेक अनछुए ,अप्राचारित प्रसंग पढ़ कर प्राप्त किये जा सकते हैं । उस काल खंड की नब्ज जानने के लिए यह पुस्तक हमारी मद्दद करती है । पुस्तक की भूमिका में ही लेखक नें लिखा है ---''किसी व्यक्ति की पहचान के लिए जरूरी है की उसके जीवन व्रत की पहले यात्रा की जाये । फिर भी इससे व्यक्ति का सही परिचय नहीं किया जा सकता । उसका सही परिचय होता है समय की शिला पर उसके दुआरा रचा गया वह चित्र उकेरा जायेआगत पीदियाँ स्त्रष्ण , ग्रहणीय नजरों से आदर पूर्वक ग्रहण कर सकें । पुस्तक में अनेक ऐसे स्थल हैं जहां पहुच कर सूचनाओं का भंडार मिलता है । लेखक ने इन तथ्यों को प्रस्तुत करने मेंबहुत श्रम किया है । इतिहास की द्रष्टि से पुस्तक मूल्यवान है। वी पी सिंह के कवी मन , चित्रकार , राजनेता और एक संवेदन शील मनुष्या की अनेक छवियाँ इसमें दर्ज हैं । पुस्तक -- '' वी पी सिंह सफ़र और संघर्ष '' लेखक -- ''अशोक कुमार , मूल्य रु ५५० प्रकाशक विशाल पुब्लीकेशन , कैलाश मार्केट , दरियापुर , पटना - ८००००४। प्रस्तुती --- राकेश शर्मा ।
गुरुवार, 6 मई 2010
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1 टिप्पणी:
राकेशजी ,
आपने पुस्तक परिचय का यह अच्छा क्रम बनाया है ।
इससे पाठकों तक पुस्तक का चेहरा तो जाएगा ही ,
उन्हें लगेगा तो वे फिर पुस्तक तक जाने का प्रयास करेंगे ।
आप इस कार्य को अनवरत रखें,
समय लगेगा किन्तु इसके परिणाम हिन्दी के पक्ष में
बहुत मजबूती से सामने आएंगे ।
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